नई दिल्ली.BDC News
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को दहलाने वाले लाल किले के पास हुए भीषण कार धमाके के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) की एक उच्च-स्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में सरकार ने इस दुर्भाग्यपूर्ण कृत्य को आधिकारिक तौर पर एक आतंकी घटना करार दिया।
CCS बैठक के मुख्य निष्कर्ष
बुधवार शाम को हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में, कैबिनेट ने हमले में मारे गए 12 लोगों पर गहरा शोक व्यक्त किया और पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएँ प्रकट करते हुए दो मिनट का मौन रखा।
- आतंकी घटना की घोषणा: सरकार ने स्पष्ट किया कि यह कृत्य देश की शांति, एकता और संप्रभुता पर सीधा हमला है।
- जीरो टॉलरेंस नीति बरकरार: मंत्रिमंडल ने हमले को ‘कायराना और निंदनीय’ बताते हुए दोहराया कि भारत आतंकवाद के प्रति अपनी ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर दृढ़ता से कायम रहेगा और किसी भी चुनौती के सामने नहीं झुकेगा।
- त्वरित कार्रवाई के निर्देश: CCS ने सभी जांच और सुरक्षा एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे इस साजिश के पीछे के दोषियों, उनके सहयोगियों और प्रायोजकों की पहचान कर जल्द से जल्द उन पर कठोरतम कार्रवाई करें।
- वैश्विक समर्थन का आभार: बैठक में इस संकट की घड़ी में दुनिया के कई देशों द्वारा व्यक्त की गई एकजुटता और समर्थन के संदेशों की सराहना की गई, जिसे भारत की दृढ़ता को मजबूत करने वाला बताया गया।
पीएम मोदी भूटान से लौटते ही एक्शन में
प्रधानमंत्री मोदी अपने भूटान दौरे से लौटने के तुरंत बाद एक्शन में आ गए। उन्होंने पहले एलएनजेपी अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की और उनका हाल जाना। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर तस्वीरें पोस्ट करते हुए यह सुनिश्चित किया था कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। शाम को ही उन्होंने CCS की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई।
रॉ प्रमुख को सुरक्षा सचिव का अतिरिक्त प्रभार
इस बीच, राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा प्रशासनिक निर्णय लिया गया है। खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख, पराग जैन, को कैबिनेट सचिवालय में सचिव (सुरक्षा) का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया गया है। पंजाब कैडर के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी जैन अपनी नियमित नियुक्ति होने तक या अगले आदेश तक यह अतिरिक्त जिम्मेदारी संभालेंगे।
हमले और जांच की स्थिति
10 नवंबर की शाम को रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास एक चलती कार में हुए इस हाई-इंटेंसिटी विस्फोट से राष्ट्रीय राजधानी दहल गई थी। विस्फोट में 12 लोगों की मौत हुई और कई गंभीर रूप से घायल हुए। दिल्ली पुलिस, एनआईए और केंद्रीय एजेंसियों की शुरुआती जांच में हाई-इंटेंसिटी विस्फोटक के इस्तेमाल की पुष्टि हुई है। जांच एजेंसियों ने घटनास्थल से सीसीटीवी फुटेज और संदिग्ध वस्तुएं जब्त की हैं।
जांच में यह भी सामने आया है कि मुख्य संदिग्ध उमर धमाके से पहले कश्मीरी गेट, जामा मस्जिद और सराय काले खां सहित दिल्ली के कई हिस्सों में मौजूद था। उसकी गतिविधियों को ट्रैक किया जा रहा है और पूछताछ में अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क की भूमिका के संकेत मिले हैं। घटना के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और देश के अन्य प्रमुख शहरों में सुरक्षा व्यवस्था को हाई अलर्ट पर रखा गया है।