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साल 2025 भारतीय राजनीति के लिए बेहद अहम साबित हुआ। इस वर्ष चुनावी नतीजों से लेकर सुरक्षा, कानून और संवैधानिक पदों से जुड़े ऐसे फैसले सामने आए, जिन्होंने देश की सियासत को नई दिशा दी। कहीं सत्ता परिवर्तन हुआ तो कहीं विपक्ष को झटका लगा, वहीं कुछ घटनाओं ने राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति को भी केंद्र में ला दिया। आइए जानते हैं 2025 की 5 बड़ी राजनीतिक घटनाएं, जो लंबे समय तक याद रखी जाएंगी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव: 27 साल बाद भाजपा की सत्ता में वापसी
फरवरी 2025 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने आम आदमी पार्टी को सत्ता से बाहर कर दो-तिहाई बहुमत हासिल किया। भ्रष्टाचार, ‘शीशमहल’ और राष्ट्रीय नेतृत्व जैसे मुद्दों पर लड़े गए इस चुनाव ने दिल्ली की राजनीति की दिशा बदल दी। यह जीत विपक्षी एकता के लिए बड़ा झटका साबित हुई।
वक्फ संशोधन विधेयक: संसद से सड़क तक सियासी टकराव
अप्रैल 2025 में पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक ने देशभर में राजनीतिक बहस छेड़ दी। सरकार ने इसे पारदर्शिता और सुधार से जोड़ा, जबकि विपक्ष और मुस्लिम संगठनों ने इसे धार्मिक स्वायत्तता पर हमला बताया। यह विधेयक पूरे साल राजनीति का अहम मुद्दा बना रहा।
उपराष्ट्रपति का इस्तीफा और नया चुनाव
जुलाई 2025 में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने राजनीतिक हलचल मचा दी। विपक्ष ने इसके पीछे राजनीतिक कारण बताए। सितंबर में हुए चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत के साथ सत्ता पक्ष की स्थिति और मजबूत हुई।
बिहार विधानसभा चुनाव: एनडीए की ऐतिहासिक जीत
नवंबर 2025 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 202 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी और नीतीश कुमार फिर मुख्यमंत्री बने। महागठबंधन की हार ने विपक्षी राजनीति को झटका दिया और 2029 लोकसभा चुनावों की तस्वीर को काफी हद तक साफ कर दिया।