बिजनेस डेस्क. BDC News
बीते एक हफ्ते में सोने और चांदी की कीमतों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। रिकॉर्ड-तोड़ उछाल के बाद अब निवेशक मुनाफावसूली (प्रॉफिट-टेकिंग) कर रहे हैं, जिसके चलते ‘सेफ-हेवन’ कहे जाने वाले इन कीमती धातुओं के दाम नीचे आ गए हैं।
सोने और चांदी के आज के दाम (24 अक्टूबर 2025)
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के अनुसार, 24 अक्टूबर 2025 को सोने और चांदी की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई।
| धातु | आज की कीमत (24 अक्टूबर) | कल की कीमत (23 अक्टूबर) | एक दिन की गिरावट |
| सोना (24 कैरेट, प्रति 10 ग्राम) | ₹1,21,518 | ₹1,23,354 | ₹1,836 |
| चांदी (प्रति किलोग्राम) | ₹1,47,033 | ₹1,51,450 | ₹4,417 |
रिकॉर्ड स्तर से कितनी हुई गिरावट?
सोना 17 अक्टूबर को अपने अब तक के सबसे ऊंचे स्तर ₹1,30,874 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया था। इस रिकॉर्ड स्तर से अब तक सोने की कीमत ₹9,356 घट चुकी है।
वहीं, चांदी भी अपने ऊपरी स्तर से ₹31,067 सस्ती हो गई है।
ध्यान दें: IBJA द्वारा जारी की गई कीमतों में 3% GST, मेकिंग चार्ज और ज्वेलर्स का मार्जिन शामिल नहीं होता। इसलिए, आपके शहर में सोने-चांदी के खुदरा रेट (Retail Price) इन दरों से अलग हो सकते हैं।
सोने-चांदी के दामों में गिरावट के प्रमुख कारण
कीमती धातुओं की कीमतों में आई इस तेज गिरावट के पीछे तीन प्रमुख कारण जिम्मेदार हैं:
1. ग्लोबल टेंशन में कमी (Global Tension Easing):
सोना और चांदी को पारंपरिक रूप से ‘सेफ-हेवन’ (सुरक्षित निवेश) माना जाता है। जब भी दुनिया में कोई राजनीतिक अस्थिरता, युद्ध या आर्थिक संकट आता है, तो निवेशक स्टॉक मार्केट और अन्य जोखिम भरी संपत्तियों से पैसा निकालकर सोने में लगाते हैं। हाल ही में ग्लोबल टेंशन में कुछ कमी आई है, जिससे सुरक्षित निवेश की मांग घटी है और कीमतों में गिरावट आई है।
2. प्रॉफिट-टेकिंग और ओवरबॉट सिग्नल (Profit-Taking and Overbought Signals):
कीमतों में रिकॉर्ड-तोड़ रैली के बाद कई निवेशकों और ट्रेडर्स ने ऊंचे दाम पर सोना बेचकर मुनाफा कमाना शुरू कर दिया है। इसे प्रॉफिट-टेकिंग कहते हैं। इसके अलावा, रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) जैसे तकनीकी संकेतक दिखा रहे थे कि कीमतें ओवरबॉट ज़ोन (ओवरबॉट ज़ोन: वह स्थिति जब किसी संपत्ति को उसकी वास्तविक कीमत से ज़्यादा खरीदा जा चुका हो) में पहुंच चुकी थीं। इस तकनीकी संकेत के बाद ट्रेंड फॉलोअर्स और डीलर्स ने बड़े पैमाने पर बिकवाली शुरू कर दी।
3. भारत में सीजनल बाइंग का खत्म होना:
भारत सोने-चांदी का एक बड़ा उपभोक्ता है। दीपावली जैसे बड़े त्योहारों के दौरान और उसके ठीक पहले सोने-चांदी की खरीदारी (सीजनल बाइंग) अपने चरम पर होती है। त्योहार खत्म होने के बाद देश में सोने-चांदी की भौतिक (Physical) मांग में कमी आई है, जिससे कीमतों पर दबाव पड़ा है।
इस साल की बढ़त: महंगा रहा है सोना-चांदी
भले ही पिछले एक हफ्ते में गिरावट आई हो, लेकिन इस साल 2025 में सोने और चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है।
- सोना: 31 दिसंबर 2024 को 24 कैरेट सोने की कीमत ₹76,162 प्रति 10 ग्राम थी। 24 अक्टूबर 2025 को यह ₹1,21,518 है। यानी इस साल अब तक सोना ₹45,356 महंगा हुआ है।
- चांदी: 31 दिसंबर 2024 को एक किलो चांदी की कीमत ₹86,017 थी। 24 अक्टूबर 2025 को यह ₹1,47,033 है। यानी चांदी इस साल ₹61,016 महंगी हुई है।
सोना खरीदते समय इन 2 बातों का रखें ध्यान
चाहे कीमत बढ़ रही हो या घट रही हो, सोने की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए हमेशा इन दो बातों का ध्यान रखें:
- सर्टिफाइड और हॉलमार्क वाला सोना खरीदें: हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। हॉलमार्क से सोने की शुद्धता (कैरेट) प्रमाणित होती है। हॉलमार्क नंबर अल्फान्यूमेरिक (जैसे: AZ4524) होता है।
- कीमत क्रॉस चेक करें: सोने का सही वजन और खरीदने के दिन उसकी कीमत कई विश्वसनीय स्रोतों (जैसे IBJA की वेबसाइट) से क्रॉस चेक करें। सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है।