‘रन फॉर यूनिटी’: राष्ट्रीय एकता का सशक्त संदेश दिया युवाओं ने

‘रन फॉर यूनिटी’: राष्ट्रीय एकता का सशक्त संदेश दिया युवाओं ने

भोपाल. BDC News

भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के शौर्य स्मारक पर ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ का भव्य आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ‘रन फॉर यूनिटी’ को हरी झंडी दिखाकर देश की एकता और अखंडता का संदेश दिया।

‘रन फॉर यूनिटी’: एकता का संदेश

  • करीब दो हजार युवाओं ने शौर्य स्मारक से लाल परेड ग्राउंड तक दौड़ लगाई, जिससे राष्ट्रीय एकता का सशक्त संदेश दिया गया।
  • मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस ‘रन फॉर यूनिटी’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, और युवाओं के उत्साह की सराहना की।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का उद्बोधन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में सरदार पटेल के बहुमूल्य योगदान को याद किया और कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार रखे:

जम्मू-कश्मीर और धारा 370 पर टिप्पणी

  • सीएम डॉ. यादव ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र (UN) में ले जाने को उस समय की “बहुत बड़ी गलती” बताया।
  • उन्होंने सरदार पटेल के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि पटेल का मानना था कि देश के मसले देश के लोग सुलझाएंगे, और किसी “तीसरे पंचायत” (थर्ड पार्टी) की जरूरत नहीं है।
  • उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों को सरदार पटेल के इसी भाव की निरंतरता बताया कि “हमें कोई थर्ड पार्टी नहीं चाहिए, वन टू वन बात होना चाहिए।”

किसान आंदोलन और ‘सरदार’ की उपाधि

  • सीएम ने बताया कि सरदार पटेल एक किसान परिवार से आते थे। उनके बड़े भाई विट्ठल भाई पटेल भी उस समय के बड़े नेता थे।
  • उन्होंने बारडोली आंदोलन का जिक्र किया, जहाँ पटेल ने अकाल के बावजूद अंग्रेजों को टैक्स देने की प्रथा के खिलाफ आंदोलन किया था। महात्मा गांधी ने इस आंदोलन में उनका साथ दिया था।
  • इसी बारडोली आंदोलन की सफलता के बाद वल्लभ भाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि मिली और वे सरदार पटेल के नाम से जाने गए।

रियासतों का एकीकरण: एक ऐतिहासिक कार्य

  • सीएम ने सरदार पटेल के सबसे बड़े कार्य, यानी देश को एकता के सूत्र में बांधने पर जोर दिया।
  • उन्होंने कहा कि जब अंग्रेज भारत छोड़कर जा रहे थे, तो वे देश के टुकड़े-टुकड़े करने का भयानक षड्यंत्र रच रहे थे, जिसके तहत 562 रियासतों को स्वतंत्र करने का निर्णय लिया गया था (जिसमें भोपाल भी एक था)।
  • पटेल ने अपनी युक्ति और बुद्धि से इन रियासतों के राजा-महाराजाओं को समझा-बुझाकर भारत संघ में मिलाया।
  • उन्होंने हैदराबाद, जूनागढ़ और भोपाल जैसी रियासतों का भी उल्लेख किया जो भारत में मिलने से मना कर रही थीं और जहाँ के राजा भारत का पैसा पाकिस्तान के बैंक में भिजवा देते थे। पटेल ने दृढ़ निश्चय के साथ इन सभी को भारत का अभिन्न अंग बनाया।

प्रशासनिक और धार्मिक योगदान

  • सरदार पटेल ने न सिर्फ देश को जोड़ा, बल्कि भविष्य को सुरक्षित करने के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और आईपीएस अफसरों की रचना की, जब वे गृह मंत्री थे।
  • उन्होंने गुजरात में सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार कराकर एक हजार साल पुराना विवाद सुलझाया और बिना सरकारी मदद के इतना बड़ा मंदिर बनाकर देश का स्वाभिमान जगाने का काम किया।

कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति

इस राष्ट्रीय एकता दिवस के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ कई वरिष्ठ नेता और अधिकारी मौजूद थे:

  • बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल
  • पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह
  • पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र लोधी
  • ओबीसी एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री कृष्णा गौर
  • विधायक भगवान दास सबनानी
  • महापौर मालती राय
  • पुलिस विभाग के कई वरिष्ठ अफसर

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