भोपाल: BDCV News
राजधानी भोपाल में हाई-प्रोफाइल ड्रग तस्करी रैकेट के मास्टरमाइंड यासीन अहमद उर्फ मछली के खिलाफ क्राइम ब्रांच की कार्रवाई जारी है। पुलिस अब तक उसके 15 गुर्गों को गिरफ्तार कर चुकी है। यासीन के खास साथी अंशुल सिंह उर्फ भूरी को रिमांड पूरी होने के बाद 7 अगस्त को जेल भेज दिया गया है, जिसने पूछताछ में पूरे नेटवर्क का खुलासा किया है।
पब-क्लब में युवाओं को बनाता था निशाना
अंशुल सिंह ने बताया कि यासीन अपने नेटवर्क में युवक-युवतियों को जोड़ने के लिए शहर के पब और क्लब का इस्तेमाल करता था। वह ऐसे युवाओं को निशाना बनाता था जो पहले से ही नशे के आदी थे। उनसे दोस्ती करके शुरुआत में मुफ्त में ड्रग्स दी जाती थी, और जब उन्हें इसकी लत लग जाती, तो एक डोज की कीमत ₹7,000 से ₹10,000 तक वसूली जाती थी।
ड्रग तस्करी का हाई-टेक तरीका
यह गैंग ड्रग डील के लिए टेलीग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करता था। डिलीवरी केवल विश्वसनीय ग्राहकों को ही दी जाती थी, और ऑर्डर के लिए खास कोडवर्ड का इस्तेमाल किया जाता था। यासीन के लिए शहर भर में 50 से ज्यादा लोग काम कर रहे थे, जो दिल्ली और राजस्थान से ड्रग्स लाने और भोपाल में उसे बेचने का काम करते थे।
विदेशियों और फरार आरोपियों की तलाश
इस केस में क्राइम ब्रांच ने ‘नशे से दूरी’ अभियान के तहत थाई महिला बेंचामत मून को भी पकड़ा है। जांच में यासीन और अंशुल के मोबाइल से कई नाइजीरियन युवकों के साथ ड्रग डीलिंग की चैट्स मिली हैं। क्राइम ब्रांच अब तक एक नाइजीरियन को गिरफ्तार कर चुकी है और दो अन्य की तलाश जारी है।
इस केस में एक आरोपी सनव्वर अभी भी फरार है, जिसकी फरारी में मदद करने वाले उसके भाई शाकिर उर्फ छोटू अंसारी को भी गिरफ्तार किया गया है। एडिशनल डीसीपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि अब तक 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और 50 से अधिक लोगों से पूछताछ की जा रही है