Damoh News : पीएम आवास योजना, पहले पात्र माना, फिर राशि नहीं डाली कर दिया अपात्र
हाइलाइट्स
- पीएम आवास योजना में कारनामा
- पहले पात्र, फिर अपात्र कर दिया करार
- कहा, ट्रैक्टर है, इसलिए अपात्र हुए
दमोह रंजीत अहिरवार BDC NEWS
प्रधानमंत्री आवास योजना अधिकारियों की दया दृष्टि पर निर्भर होती दिख रही है। दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक के ग्राम रामादेही गांव में इसी तरह का मामला सामने आया है। यहां एक हितग्राही को पहले पात्र घोषित कर दिया गया, लेकिन जब किस्त जारी करने का समय आया, तो अधिकारियों ने उस पर रोक लगाते हुए उसे अपात्र बता दिया। कारण बताया गया कि हितग्राही के नाम पर ट्रैक्टर है, जबकि वह पहले से ही उसके नाम पर था। अब पीड़ित अधिकारीयों के चक्कर काट रहा है।
ट्रैक्टर का दिया हवाला
ग्राम पंचायत बमोहरी पांजी के अंतर्गत रामादेही गांव आता है। यहां रहने वाले रवि घोषी के नाम पर पीएम आवास मंजूर किया गया था, और वह आवासविहीन हैं। अन्य हितग्राहियों की पहली किस्त जारी कर दी गई, लेकिन रवि की पहली किस्त नहीं आई। जब जनपद में जाकर पता किया, तो पता चला कि सचिव ने उसे अपात्र कर दिया है, इसलिए अब उसे आवास नहीं मिलेगा। बाद में उसने जनपद सीईओ के पास आवेदन दिया, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। कलेक्टर के पास भी पहुंचा, लेकिन अब भी उसे आवास की किस्त नहीं मिल रही है। जानकारी लेने पर हितग्राही को बताया गया कि उसके नाम पर ट्रैक्टर है, इसलिए उसे अपात्र कर दिया गया है।
आठ साल पुराना है ट्रैक्टर
रवि घोषी ने बताया कि ट्रैक्टर उन्होंने आठ साल पहले लिया था, जब वह अपने पिता और भाइयों के साथ रहते थे। आज भी ट्रैक्टर पर दो लाख रुपये का कर्ज बाकी है। अब तो ट्रैक्टर पुराना हो गया है, जमीन भी उनके पास नहीं है, और न ही मकान है। जब सर्वे हुआ था, तब भी ट्रैक्टर था, लेकिन उस समय मुझे पात्र घोषित किया गया था। अब उसी ट्रैक्टर का हवाला देकर मुझे अपात्र किया जा रहा है, जो गलत है। मुझे अपात्र इसलिए किया गया है क्योंकि मैंने कुछ महीने पहले ग्राम पंचायत की जनपद में शिकायत की थी।
किस्त पर लगाई गई है रोक
इस मामले को लेकर आवास प्रभारी रोहित यादव ने बताया कि सचिव ने जानकारी दी है कि रवि घोषी के नाम पर ट्रैक्टर है, इसलिए उसकी किस्त पर रोक लगाई गई है। उसने जिले में अपील की है और जांच चल रही है। तेंदूखेड़ा जनपद सीईओ मनीष बागरी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना की गाइडलाइन में 13 बिंदु हैं। उसके अनुसार यदि किसी हितग्राही को किसी योजना का पहले लाभ मिला हो या उसके पास ऐसे साधन हों जो उसे अपात्र सिद्ध करते हों, तो उसके आवास पर रोक लगाने के निर्देश हैं। रवि घोषी के आवास की जांच चल रही है, और उसका आवास अभी निरस्त नहीं किया गया है।
भोपाल डॉट कॉम, ब्यूरो