संतनगर में सीएम हेल्प लाइन, आरटीआई बने ब्लैक मेलिंग के टूल
सिंधी सेंट्रल पंचायत ने कहा- ब्लैक मेल कर रहा संभ्रात व्यक्तियों को गिरोह
भोपाल. BDC NEWS
झूठी शिकायतें कर ब्लैक मेल करने वालों का गिरोह संतनगर में सक्रिय है। सीएम हेल्प लाइन, आरटीआई का दुरूपयोग कर यह कृत्य किया जा रहा है। ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने के लिए सिंधी सेंट्रल पंचातय ने मोर्चा खोला है। शुरूआत प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन से की गई है। पंचायत ने कहा है कि संभ्रांत व्यक्तियों को यह गिरोह (ब्लैकमेलर) निशाना बना रहे हैं। शिकायत सांसद आलोक शर्मा और विधायक रामेश्वर शर्मा से भी की गई है।
बकौल पंचायत कतिपय व्यक्तियों द्वारा समाज के सभ्रांत व्यक्तियों के अलावा प्रशासकीय अधिकारियों के खिलाफ झूठी शिकायतें कर विभिन्न विभागों को गुमराह करने एवं ब्लैकमेल करने का कृत्य किया जा रहा है। ये लोग सीएम हेल्प लाइन एवं आरटीआई नीतियों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। और इन नीतियों पर पुर्नविचार की सख्त जरूरत है।
नीतियों का हो रहा दुरूपयोग:
पंचायत ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि शासन द्वारा जनहित में बनाई गई नीतियां, जब स्वार्थी तत्वों के हाथों का खिलौना बन जाए, तब वे आम जनता के लिए मुसीबत का सबब बन जाती हैं। बात कर रहे हैं उन नीतियों की, जिनका दुरुपयोग कर कुछ लोग न सिर्फ अधिकारियों को परेशान कर रहे हैं, बल्कि आम जनता के जीवन को भी दूभर बना दिया है। ऐसी नीतियों में मुख्य रूप से आरटीआई, सीएम हेल्प लाइन, हड़ताल का अधिकार आदि शामिल हैं। ऐसे में सरकारी नीतियों पर पुर्नविचार कर झूठी शिकायतें न हो इस समस्या का समाधान करने की आज सख्त जरूरत है।
व्यक्तिगत दुश्मनी:
पंचायत ने कहा है कि कुछ लोग अपनी व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने या स्वार्थ साधने के लिए झूठी शिकायतों का सहारा लेते हैं। वे अधिकारियों के खिलाफ बेबुनियाद शिकायतें दर्ज कराते हैं, जिससे उनका मानसिक उत्पीड़न होता है और वे अपना काम ठीक से नहीं कर पाते। कई बार तो निर्दोष अधिकारियों को भी झूठे आरोपों में फंसा दिया जाता है, जिससे उनकी प्रतिष्ठा धूमिल होती है। समाज के शरीफ लोगों को झूठी शिकायतें कर ब्लैकमेल किया जाता है। झूठी शिकायतें करने वाले लोकायुक्त जैसे संगठनों को भी गुमराह कर रहे हैं जबकि झूठी शिकायतों की आड़ में सरकार के कतिपय अधिकारी व कर्मचारी भ्रष्टाचार भी कर रहे हैं।
मंशा ब्लैकमैल करना:
पंचायत ने कहा है कि यहां देखा गया है कि किसी के मकान या दुकान बनने या प्रापर्टी खरीदने में दूसरे व्यक्ति का दखल देने का क्या मतलब है। अगर अतिक्रमण किया गया है, अवैध निर्माण है, नाले का बहाव रोका गया है, रास्ता रोका गया है, तो उसमें दखल देने का अधिकार नगर निगम, व जिला प्रशासन व पुलिस का है, इसमें तीसरे पक्ष द्वारा शिकायत करने की मंशा सीधी सीधे ब्लैकमैल करना होता है, जिसका शिकार आम लोग हो रहे हैं। नगर निगम व नजूल में जिन लोगों ने भी शिकायतें की हैं, उनकी पृष्ठभूमि की जांच होना अनिवार्य है।
बयान दर्ज कराना जरूरी:
पंचायत पदाधिकारियों ने कहा है कि शिकायत दर्ज कराने से पहले, शिकायतकर्ता का बयान दर्ज किया जाना चाहिए और शिकायत की सत्यता की जांच की जानी चाहिए। झूठी शिकायतों के जरिए अनेक शरीफ लोगों को ब्लैकमैल किया जा रहा है। संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) में तो बाकायदा झूठी शिकायतें करने वालों का एक गिरोह सक्रिय है। जिसका काम जहां मकान या दुकान बन रहा हो, जिसी ने प्रापर्टी की खरीद फरोख्त की हो, उसकी झूठी शिकायतें लोकायुक्त, नगर निगम, कलेक्टर कार्यालय, नजूल आदि में कर बाद में सौदेबाजी करते हैं, जिससे आम व्यक्ति बेहद त्रस्त है।
अपराधिक प्रकरण कायम:
पंचायत ने कहा है कि झूठी शिकायत दर्ज कराने वालों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण कायम कर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। साथ ही जांच प्रक्रिया को और अधिक कुशल और पारदर्शी बनाया जाना चाहिए, जिससे वास्तविक पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके। शासन द्वारा जनहित में शिकायत दर्ज कराने की नीति एक महत्वपूर्ण उपकरण है, लेकिन इसका दुरुपयोग किसी भी स्थिति में नहीं होना चाहिए।
नीतियों पर हो पुर्नविचार
इस तरह की झूठी शिकायतों से परेशान आम व्यक्ति एवं सरकारी अधिकारी यह सवाल पूछ रहे हैं कि इस समस्या का समाधान क्या होना चाहिए साथ ही सरकार से मांग कर रहे हैं कि शासन को इन नीतियों पर पुनर्विचार करना चाहिए और उनमें जरूरी बदलाव होना चाहिए। शासन द्वारा जनहित में शिकायत दर्ज कराने की नीति एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य आम जनता को न्याय दिलाना है, जबकि कुछ स्वार्थी तत्वों ने इस नीति को अपने निजी स्वार्थों के लिए हथियार बना लिया है, जिससे यह नीति अपने मूल उद्देश्य से भटक गई है। झूठी शिकायतों की जांच में समय बर्बाद होने से वास्तविक पीड़ितों को न्याय मिलने में देरी हो रही है। जब झूठी शिकायतों के कारण न्याय नहीं मिलता, तो आम जनता का शासन से विश्वास उठ जाता है।
चन्द्रप्रकाश इसरानी, अध्यक्ष सुरेश जसवानी, महासचिव सिंधी सेंट्रल पंचायत, संत हिरदाराम नगर
भोपाल डॉट कॉम, ब्यूरो