भोपाल. BDC News
दिल्ली को दहलाने वाले बम विस्फोट को अंजाम देने वाले आतंकवादियों के तार जिस अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं, उसके ट्रस्ट की स्थापना महू निवासी जवाद अहमद सिद्दकी ने की थी। जवाद अहमद सिद्दकी और उनके परिवार पर महू में धोखाधड़ी और गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगे थे, जिसके बाद यह परिवार रातों-रात शहर से गायब हो गया था।
निवेश कंपनी के नाम पर ठगी और महू से भागा
जवाद अहमद सिद्दकी के परिवार ने वर्ष 2001 में महू में अल फलाह इन्वेस्टमेंट कंपनी के नाम पर एक निजी बैंक चलाना शुरू कर दिया था। यह परिवार लोगों को दोगुना मुनाफा देने का लालच देकर निवेश कराता था। जब निवेशकों को तय समय पर पैसा नहीं लौटाया गया, तो पीड़ित लोगों ने उन पर पैसे लौटाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। इसी दबाव के चलते जवाद का परिवार महू के कायस्थ मोहल्ले से अचानक गायब हो गया। एडिशनल एसपी रूपेश द्विवेदी ने इस बात की पुष्टि की है कि जवाद के पिता मोहम्मद हामिद महू के शहरकाजी भी रह चुके हैं। इस मामले में जवाद के भाई, हमूद, पर महू में धोखाधड़ी का केस भी दर्ज हुआ था।
भागने के बाद रखी थी यूनिवर्सिटी की नींव
महू से फरार होने के बाद जवाद अहमद सिद्दकी ने शैक्षणिक संस्थान की नींव रखी। उन्होंने सबसे पहले एक इंजीनियरिंग कॉलेज की शुरुआत की, और बाद में उसे अल फलाह यूनिवर्सिटी का रूप दे दिया। जवाद ही इस यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति (चांसलर) और ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। गौरतलब है कि दिल्ली बम विस्फोट को अंजाम देने वाले आतंकी मुजम्मिल और मोहम्मद नबी भी इसी यूनिवर्सिटी से जुड़े थे। इन आतंकी गतिविधियों में यूनिवर्सिटी के कनेक्शन सामने आने के बाद अब जांच एजेंसियां अल फलाह यूनिवर्सिटी की गतिविधियों पर भी गहनता से नजर रख रही हैं। महू पुलिस इस संबंध में जवाद के पुराने संपर्कों और रिश्तेदारों की जानकारी जुटा रही है।
सोर्स: मीडिया रिपोटर्स